अजित राठौर
मस्तुरी – देर रात बड़ी सँख्या में ग्रामीण अमलड़िहा रेत घाट पहुँच कर चल रहे उत्खनन को बंद कराने की मांग करने लगे। रेत घाट संचालक और ग्रामीणों के बीच लगातार नोक झोंक की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि PMGSY के रोड पर भारी वाहन चल रही है जबकि इस रोड पर 12 टन से ज्यादा भार वाली गाड़ियों के परिवहन पर रोक लगा है। इसके बावजूद 50-60 टन की गाड़ियां लगातार इस सिंगल रोड पर दौड़ रही है। लिहाजा रोड अब गढ्ढो में तब्दील हो गया है।लोगो का चलना दूभर हो गया है। लोगो के सामने अब सड़क हादसे की स्थिति बनी हुई है। हाल ही में अमलड़िहा के ग्रामीणों ने बैठक कर रोड बनाने की मांग की जिस पर संचालक ने हामी बर कर भूल गया और फिर खनन और परिवहन शुरू कर दिया। जिसको लेकर ग्रामीण फिर आक्रोशित हो गए और बड़ी संख्या में अमलड़िहा रेत घाट पहुँच कर रात में चल रहे खनन को बंद करने की मांग करने लगे, लेकिन इन लोगो पर आखिर किनका हाथ है और अधिकारी इस पर कार्यवाही क्यों नही कर रहे है।
कारवाई नही होने से साफ पता चलता है कि विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने से परहेज कर रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि घाट में लोडिंग का रेट बढ़ा दिया है बिना रॉयल्टी के 6 हजार और रॉयल्टी में 9 हजार रुपये लिए जा रहे है। इसका सीधा मतलब है कि मार्किट में ट्रांसपोटिंग चार्ज के साथ प्रति ट्रिप 20 रुपये में बिलासपुर क्षेत्र में बेचा जा रहा है। इसका मतलब सीधा है कि अगर कोई प्रधानमंत्री आवास बना रहा है उनकी बजट से बाहर है ऐसा होने के बाद भी अधिकारी कारवाई से परहेज कर रहे है। वही खनिज विभाग,राजस्व और पुलिस की परिवहन कर रहे हाईवा पर कार्यवाही कर खाना पूर्ति कर लेते है लेकिन रात में चल रहे घाट पर अधिकारी नही पहुँच पाते है